Money Market क्या है

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दोस्तों इस पोस्ट में हमने जाना हे की मनी मार्केट (Money Market) क्या हे, भारतीय मुद्रा बाजार क्या हे, और यह भारतीय पूंजी बाजार से किस तरह भिन्न हे। इसके साथ ही वाणिज्य पत्र, बैंक सीडी आदि के बारे में चर्चा की हे।


दोस्तों सिक्का बाजार पर आपका स्वागत है। आज हम बात करंगे Money Market क्या होता है। शेयर बाजार के बाद अगर कोई शब्द बाजार में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है वो शब्द है Money Market.

Money Market शब्द का हिंदी में सामान्य अर्थ है मुद्रा बाजार, और इस शब्द से सबको समझ में आता है की Money Market मतलब पैसो का बाजार। पर अब हम इस पोस्ट में समझेँगे की Money Market में तकनिकी रूप से किस प्रकार पैसो का लेन देन होता है। तो चलिए आज हम चर्चा करंगे की What is Money Market in Hindi , और Money Market कैसे काम करता है।

Money Market क्या है

आइये आज मनी मार्किट (Indian Money Market) को आसानी से समझने का प्रयास करते हे।

दोस्तों आपने देखा होगा की बड़ी बड़ी कम्पनिओं या स्टार्टअप कंपनियों को अपने कारोबार को चलाने के लिए धन की आवश्यकता होती हे, इस धन को जुटाने के बहुत सारे उपाय हे जैसे (स्टॉक मार्केट से पैसा उठाना, कैपिटल मार्किट से पैसा उठाना) और इन्ही उपायों में से एक उपाय हे मनी मार्किट से पैसा उठाना।

तो मनी मार्केट के अंदर कंपनी, अपने इंस्ट्रूमेंट/ सिक्योरिटीज (शेयर) और अपनी प्रॉपर्टीज (Property) को गिरवी रख कर बैंक या फाइनेंसियल इंस्टीटूशन से पैसे उधर लेती हे। पर यह पैसा बहुत कम टाइम के लिए दिया जाता हे (१ साल से कम अवधि के लिए ) और समय समाप्त होने पर कंपनी को वो पैसे बैंक को वापस लौटाने होते हे और बैंक उस कंपनी के सारे सिक्योरिटीज पेपर्स वापस दे देती हे।

अतः भारतीय मुद्रा बाजार (Indian Money Market) में अल्‍पकालीन समय के लिए राशियों का उधार लेन-देन किया जाता है। भारतीय मुद्रा बाजार को साख बाजार भी कहा जाता है और इसके अंतर्गत सामान्‍यत: बैंकों को शामिल किया जाता है।

Money Market अर्थव्यवस्था का एक घटक है जो अल्पकालिक निधि प्रदान करता है। Money Market अल्पकालिक ऋणों को आमतौर पर एक वर्ष या उससे कम अवधि के लिए दिया जाता है।

  • Money Market में अल्‍पकालीन प्रतिभूतियों (वह धन या कागजात जो जमानतदार द्वारा किसी की जमानत के रूप में जमा किया जाता है) का क्रय-विक्रय होता है और उधार लेने वाली संस्‍थाएं एवं उधार देने वाली संस्‍थाएं परस्‍पर आपस में प्रतिभूतियों का लेन-देन करती हैं। ये अल्‍पकालीन प्रतिभूतियां तरल स्थिति में होती है। इनके लेन-देन में हानि की संभावना नहीं होती है।
  • मुद्रा बाजार में लेन-देन नकदी या मुद्रा में नहीं, बल्कि साख प्रलेखों (Securities Paper) के रूप में होता है। विनिमय पत्र, प्रतिज्ञा पत्र, वाणिज्यिक पत्र, ट्रेजरी बिल आदि साख प्रलेखों के उदाहरण हैं।
  • भारतीय मुद्रा बाजार में भारतीय रिजर्व बैंक, वाणिज्यिक बैंक, सहकारी बैंक, अन्‍य वित्‍त संस्‍थाएं व गैर-बैकिंग वित्‍त कम्‍पनियां और वित्‍तीय संस्‍थाएं जैसे- भारतीय जीवन बीमा निगम, यूनिट ट्रस्‍ट ऑफ इण्डिया आदि भी शामिल हैं। भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रा बाजार की शीर्ष संस्‍था है, जो देश में मौद्रिक व बैकिंग परिस्थितियों का नियन्‍त्रणकर्ता व सर्वोच्‍च मौद्रिक आधिकारिक है

एक बाजार को मनी मार्केट के रूप में वर्णित किया जा सकता है यदि यह अत्यधिक तरल, अल्पकालिक परिसंपत्तियों से बना है।

मनी मार्केट फंड, आमतौर पर सरकारी प्रतिभूतियों जमा प्रमाणपत्र, कंपनियों के वाणिज्यिक कागज और अन्य अत्यधिक तरल, कम जोखिम वाली प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं।

मुद्रा बाजार थोक स्तर पर बहुत ही अल्पकालिक ऋण निवेश में व्यापार को संदर्भित करता है।, इसमें खुदरा स्तर पर,  संस्थानों और व्यापारियों के बीच बड़ी मात्रा में ट्रेड शामिल हैं।, इसमें व्यक्तिगत निवेशकों द्वारा खरीदे गए मनी मार्केट म्यूचुअल फंड और बैंक ग्राहकों द्वारा खोले गए मनी मार्केट खाते शामिल हैं।

भारतीय मुद्रा बाजार के प्रकार (Types of Money Market)

भारतीय मुद्रा बाजार को संगठित और अंसगठित क्षेत्र में वर्गीकृत किया गया है। मुद्रा बाजार के संगठित क्षेत्र में वाणिज्‍य बैंक जिसमें निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को शामिल किया गया है और मुद्रा बाजार के अंसगठित क्षेत्र में देशी बैंकर, महाजन और गैर बैंकिंग वित्‍तीय संस्‍थाओं को शामिल किया गया है।

भारतीय मुद्रा बाजार की संरचना निम्‍नलिखित है -

  • संगठित क्षेत्र (Organized Sector) - इस क्षेत्र के तहत रिजर्व बैंक, जोकि देश का केन्‍द्रीय बैंक है, के अलावा सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंक तथा विदेशी विनियम बैंक आते हैं।
  • असंगठित क्षेत्र (Unorganized Sector) - इस क्षेत्र के अन्‍तर्गत देशी बैंकर तथा मुद्रा उधार देने वाले विभिन्‍न व्‍यक्ति आते हैं, जिन्‍हें देश के विभिन्‍न भागों में साहूकार, महाजन आदि नामों से जाना जाता है। ये ऐसे क्षेत्र हैं, जिन्‍हें किसी वित्‍तीय संस्‍था द्वारा वैधानिक मान्‍यता प्राप्‍त नहीं होती।

एक व्यक्ति मनी मार्केट म्यूचुअल फंड खरीदकर, ट्रेजरी बिल खरीदकर या बैंक में मनी मार्केट खाता खोलकर मुद्रा बाजार में निवेश कर सकता है। मुद्रा बाजार में निवेश सुरक्षा और तरलता (Liquidity) की विशेषता है।

मनी मार्केट (Money Market) को समझना


मुद्रा बाजार (Money Market) वैश्विक वित्तीय प्रणाली के स्तंभों में से एक है। इसमें बैंकों और सरकार के बीच भारी मात्रा में धन की रातोंरात अदला-बदली शामिल है। अधिकांश Money Market में थोक लेन देन होते हैं जो वित्तीय संस्थानों और कंपनियों के बीच होते हैं।

मुद्रा बाजार में भाग लेने वाले संस्थानों में बैंक, बड़ी कम्पनिया शामिल हे , वे कंपनियाँ जो बाज़ार में वाणिज्यिक पत्र बेचकर धन जुटाती हैं, जिन्हें अन्य कंपनियों या निधियों द्वारा खरीदा जा सकता है।

और वे निवेशक जो अल्पावधि में पैसा पार्क करने के लिए एक सुरक्षित स्थान के रूप में बैंक सीडी (जमा का प्रमाण पत्र) खरीदते हैं। उन थोक लेन-देन में से कुछ अंततः उपभोक्ताओं के हाथों में Money Market म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश के घटकों के रूप में अपना रास्ता बनाते हैं।

थोक बाजार में, वाणिज्यिक पत्र एक लोकप्रिय उधार तंत्र है क्योंकि ब्याज दरें, बैंक में जमा या ट्रेजरी बिलों की तुलना में अधिक होती हैं, और परिपक्वता की एक बड़ी रेंज उपलब्ध है, रातोंरात से 270 दिनों तक। हालांकि, डिफ़ॉल्ट का जोखिम बैंक या सरकारी उपकरणों की तुलना में वाणिज्यिक पत्र के लिए काफी अधिक है।

कोई भी व्यक्ति मनी मार्केट फंड, डिपॉजिट के शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट (सीडी), म्युनिसिपल नोट्स या ट्रेजरी बिल खरीदकर मनी मार्केट में निवेश कर सकते हैं।  मनी मार्केट में निवेश करने के लिए ब्रोकर का सहारा भी लिया जा सकता है।

अमेरिकी सरकार Money Market में ट्रेजरी बिल जारी करती है, जिसमें कुछ दिनों से लेकर एक वर्ष तक की परिपक्वता अवधि होती है। प्राथमिक डीलर उन्हें बड़ी मात्रा में सीधे सरकार से खरीदकर खुद के बीच व्यापार करते हैं या व्यक्तिगत निवेशकों को बेचते हैं। व्यक्तिगत निवेशक उन्हें अपनी ट्रेजरीडायरेक्ट वेबसाइट या बैंक या ब्रोकर के माध्यम से सीधे सरकार से खरीद सकते हैं। राज्य, और नगरपालिका सरकारें भी अल्पकालिक नोट जारी करती हैं।

मुद्रा बाजार खाते (Money Market Account)


मुद्रा बाजार खाते बचत खाते का एक प्रकार है। वे ब्याज का भुगतान करते हैं, लेकिन कुछ जारीकर्ता खाता धारकों को कभी-कभी पैसे निकालने या खाते के खिलाफ चेक लिखने के लिए सीमित अधिकार प्रदान करते हैं। (निकासी संघीय नियमों द्वारा सीमित हैं। यदि वे अधिक हो जाते हैं, तो बैंक तुरंत इसे एक चेकिंग खाते में बदल देता है।) बैंक आम तौर पर एक दैनिक आधार पर मुद्रा बाजार खाते में, ब्याज की गणना करते हैं और खाते में मासिक क्रेडिट बनाते हैं।

सामान्य तौर पर, मुद्रा बाजार खाते (Money Market Account) मानक बचत खातों की तुलना में थोड़ी अधिक ब्याज दरों की पेशकश करते हैं। लेकिन Saving और Money Market Account के बीच दरों में अंतर 2008 के वित्तीय संकट के बाद से काफी कम हो गया है। जमा राशि के आधार पर मुद्रा बाजार खातों की औसत ब्याज दर भिन्न होती है। अगस्त 2020 तक, बिना न्यूनतम जमा वाले सबसे अच्छे पैसे वाले बाजार खाते में 0.99% वार्षिक ब्याज दिया गया।

जमा प्रमाणपत्र (सीडी)

जमा (सीडी) के अधिकांश प्रमाणपत्र मनी मार्केट फंड नहीं हैं, क्योंकि वे 10 साल तक की शर्तों के साथ बेचे जाते हैं। हालाँकि, तीन महीने से छह महीने तक की शर्तों वाले सीडी उपलब्ध हैं।

मुद्रा बाजार खातों में बड़ी रकम लंबी अवधि के लिए जमा करने पर  बेहतर ब्याज दर मिलती है। बारह महीने की सीडी के लिए अगस्त 2020 में दरें जमा राशि के आधार पर लगभग 0.5% से 1.5% तक थीं।

मुद्रा बाजार खाते के विपरीत, सीडी के साथ दी जाने वाली दरें जमा अवधि के लिए स्थिर रहती हैं। सीडी में जमा धन को किसी भी तरह की जल्दी में  वापस लेने से संबंधित जुर्माना है।

वाणिज्यिक पत्र

वाणिज्यिक पत्र मार्केट में एक छोटी अवधि के कैश इन्फ्यूजन की जरूरत में कॉरपोरेशन के लिए असुरक्षित ऋण खरीदने और बेचने के लिए है।

इसमें केवल अत्यधिक क्रेडिट योग्य कंपनियां ही भाग लेती हैं, इसलिए जोखिम कम होते हैं।

बैंकर की स्वीकृति

बैंकर की स्वीकृति एक अल्पकालिक ऋण है, जिसका मतलब है की बैंक द्वारा गारंटी दी जाती है। विदेशी व्यापार में बड़े पैमाने पर इसका उपयोग किया जाता है, एक बैंकर की स्वीकृति पोस्ट-डेटेड चेक की तरह होती है और गारंटी के रूप में कार्य करती है कि एक आयातक माल के लिए भुगतान कर सकता है। डिस्काउंट पर बैंकर की स्वीकृति खरीदने और बेचना दलालो के लिए एक द्वितीयक बाजार है।

रेपोस

रेपो, या पुनर्खरीद समझौता, ट्रेजरी बिल या अन्य सरकारी प्रतिभूतियों को दूसरी पार्टी को एक निर्धारित तिथि पर निर्धारित मूल्य पर पुनर्खरीद करने के लिए बेचा जाता है।

मनी मार्केट् और कैपिटल मार्केट् (Money Market vs. Capital Market)

मनी मार्केट्स

मुद्रा बाजार को एक वर्ष से कम के ऋण के रूप में परिभाषित किया गया है। यह मुख्य रूप से सरकारों और निगमों द्वारा अपने नकदी प्रवाह को स्थिर रखने के लिए, और निवेशकों के लिए मामूली लाभ बनाने के लिए उपयोग किया जाता है

कैपिटल मार्केट्स (पूंजी बाजार)

पूंजी बाजार दीर्घकालिक ऋण और इक्विटी उपकरणों की बिक्री और खरीद के लिए समर्पित है। पूंजी बाजार शब्द का अर्थ स्टॉक और बांड बाजारों की संपूर्णता से है।

जबकि कोई भी इन दिनों में एक शेयर के दूसरे हिस्से में स्टॉक खरीद और बेच सकता है, स्टॉक जारी करने वाली कंपनियां अपने दीर्घकालिक परिचालन के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से ऐसा करती हैं। जबकि कई मुद्रा बाजार के उत्पादों के विपरीत, स्टॉक की कीमत में उतार-चढ़ाव हो सकता है, इसकी कोई समाप्ति तिथि नहीं है (जब तक कि निश्चित रूप से, कंपनी खुद ही काम करना बंद कर देती है)।

सारांश

दोस्तों इस पोस्ट में हमने जाना की मनी मार्केट क्या होता हे (Money Market Kya Hai) और मनी मार्केट कितने प्रकार का होता हे।  इसके साथ ही हमने जाना की मनी मार्केट और कैपिटल मार्किट में क्या अंतर हे और क्या एक सामान्य नागरिक मनी मार्केट में मनी मार्केट फण्ड (Money Market Fund) के द्वारा निवेश कर सकता हे।

मिलते हे अगली पोस्ट में